Saturday, September 23, 2023
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ज्योति मौर्य नहीं, सुनिए संजना की कहानी: मुश्किल समय में पति के साथ खड़ी रहकर, सफलता हासिल करने में मदद की! तस्वीरें देखें!”

हमारे देश भारत में ज्योति मौर्य और अंजू के साथ-साथ एक और महिला का नाम जुड़ चुका है, एक कहानी भी ऐसी है कि अगर आम आदमी सुन ले तो उसे कभी भी यकीन ना हो। ऐसे में आज के कलयुग में लोग अपने ही जीवन साथी को कुरेद कर आगे निकल रहे हैं ज्योति मौर्या और अंजू से अधिक पीड़ादायक है Bihar Woman Sanjana Story, संजना कि यह बेमिसाल कहानी है। संजना एक बिहार में रहने वाली लड़की है जिसने अपने पति को किसी पद पर पहुंचाने के लिए इतनी कड़ी मेहनत की जेवर बेचते घर भेज दिए परंतु आखिर में पति ने क्या हाल किया इसके लिए आपको पूरा लेख पढ़ना होगा।

Bihar Woman Sanjana Story

संजना जी शादी जितेंद्र साबुन से 2002 में हुई थी जब संजना की शादी जितेंद्र से हुई तब मैट्रिक में थे, उसके बाद संजना के पिता ने उनको घर जमाई जमाई बनने के लिए कहा लेकिन ऐसे में संजना ने अपने पति का साथ दिया और अपना घर छोड़ दिया।विवाह के कुछ जितेंद्र ने पढ़ने की इच्छा जताई, ऐसे में संजना ने अपने पति को पहले इंटर और फिर ग्रेजुएशन कराई इस दौरान उन्होंने जॉब भी करी और अपने पति को पढ़ाया जिससे कि वे आगे चलकर किसी पद पर कार्यरत हो सके इतना ही नहीं।

अपनी जॉब में से पढ़ाया अपने पति को

ग्रेजुएशन कितना ने अपने पति को किसी सरकारी पद पर कार्यरत कराने हेतु आगे की पढ़ाई भी कराई। साथ ही अपने पति को पढ़ाई करवाने हेतु संजना को काफी सारे परीक्षाओं की तैयारी भी करानी पड़ी। जिसके चलते हुए संजना ने जितेंद्र को अलग-अलग कोचिंग भी कराई और उसका सारा खर्चा भी संजना ने अपनी ही पगार से किया। आपको बता दें कि संजना पहले से ही एक सरकारी पद पर कार्यरत थी सरकारी पद पर कार्य करते हुए भी संजना ने उस समय शादी की जिस समय जितेंद्र केवल मेट्रिक थे।

मैट्रिक पास पति को कराया ग्रेजुएशन

आज के समय में संजना और जितेंद्र एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, दोनों आपस में मिलकर इंस्टाग्राम पर भी उसी बनाते हैं और लोगों का मनोरंजन करते हैं जिसको लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं।

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जितेंद्र के थे आठ भाई

एक इंटरव्यू के दौरान यह मालूम हुआ कि जितेंद्र की शादी 2002 में हुई थी जबकि जितेंद्र ने 1994 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। जितेंद्र कहते हैं कि मैट्रिक के बाद उनके पिता की मृत्यु 1 वर्ष बाद हो गई थी। उनेक 8 भाई थे, वह सबसे बड़े भाई थे घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह आगे नहीं पढ़ सके। जबकि उनके सभी दोस्त पढ़ने लिखने में आगे बढ़ गए।

ऐसे में ही 2002 में उन्होंने संजना से शादी की और संजना ने आगे बढ़कर अपने जीवन साथी के लिए एक बेहतर जिंदगीबनाई, आज के समय में संजना और जितेंदर बेहतर जिंदगी गुजार रहे हैं। खुशाल परिवार के साथ संजना ने यह भी बताया कि उन्होंने जितेंद्र की पढ़ाई के लिए अपने जेवर तक बेच दिए थे।

अब जी रहे हैं खुशहाली की जिंदगी

एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि शादी के बाद उनके पति खुश नहीं थे वह हमेशा चाहिए पढ़ना और आगे बढ़ना चाहते थे। ऐसे में उनका मन नहीं मानता था और अपने पति की इस दुख को देखते हुए उन्होंने अपने जेवर बेचने का निर्णय लिया था। उनका यह कहना है कि मेरे लिए बहुत ही अच्छा साबित हुआ आज के समय वह भी सरकारी पद पर कार्यरत हैं और उनके पति जितेंद्र भी। आज वह अपने बच्चों को अच्छी जिंदगी दे पा रहे हैं और आपस में भी खुशी के साथ रह रहे हैं।

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